शिरोमणी अकाली दल ने भाई राजोआणा की रिहाई पर यू टर्न लेने पर केंद्र की निंदा की
Chandigarh: शिरोमणी अकाली दल ने आज कहा है कि उच्चतम न्यायालय में सिख भाई बंदी बलवंत सिंह राजोआणा की रिहाई पर अपने स्टैंड से यू टर्न लेने के लिए केंद्र सरकार की निंदा करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी इस मुददे पर दोहरा मापदंड अपना रही है।
शिरोमणी अकाली दल ने कहा कि ऐसा लगता है कि भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच रणनीतिक समझ बंदी सिंह परिवार की रिहाई में अड़चन बन रही है।
अकाली दल के वरिष्ठ नेता सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया ने भाई राजोआणा की ओर से दायर दया याचिका को खारिज कर केंद्रीय प्रस्ताव को लागू करने की मांग वाली याचिका खारिज होने के बाद कहा,‘‘ केंद्र सरकार ने सिख समुदाय की भावनाओं को आहत किया है। इससे पहले 2019 में श्री गुरु नानक देव जी की 550वीं जयंती के अवसर पर श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की उपस्थिति में भाई की मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदलने, 2012 में शिरोमणी कमेटी द्वारा भाई राजोआणा की ओर से दायर दया याचिका के बावजूद निर्णय लेने से इंकार कर अपने वादे से मुकर गए। उन्होने कहा कि इससे दुनिया भर में नानक नाम लेवा संगत को बहुत गहरी पीड़ा दी है।
भारतीय जनता पार्टी से इस मुददे पर अपना रूख स्पष्ट करने के लिए कहते हुए सरदार मजीठिया ने कहा कि पंजाब भाजपा के पूर्व प्रभारी गजेंद्र शेखावत ने तख्त श्री दमदमा साहिब में माथा टेकने के दौरान भाई राजोआणा की रिहाई के लिए एक फाॅर्म पर हस्ताक्षर किए थे। हालांकि वही पार्टी सुप्रीम कोर्ट में सिख बंदी की रिहाई के रास्ते में आ रही है,जो पवित्र तख्त का भी अपमान है’’।