Home Latest News गाड़ी की टंकी फुल करवाने से पहले जान लें आज के Petrol-Diesel...

गाड़ी की टंकी फुल करवाने से पहले जान लें आज के Petrol-Diesel के रेट

3
0

अगर आप भी सुबह-सुबह बाइक या कार की टंकी फुल करवाने से पहले पेट्रोल-डीजल की ताज़ा कीमतें जानना चाहते हैं।

 अगर आप भी सुबह-सुबह बाइक या कार की टंकी फुल करवाने से पहले पेट्रोल-डीजल की ताज़ा कीमतें जानना चाहते हैं, तो यह खबर आपके लिए है। देशभर में हर दिन सुबह 6 बजे तेल कंपनियां पेट्रोल और डीजल की नई कीमतें जारी करती हैं। ये दाम कई घरेलू और वैश्विक कारकों पर आधारित होते हैं — जैसे अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल की चाल, डॉलर के मुकाबले रुपये की स्थिति, और राज्यों के टैक्स। हालांकि मई 2022 के बाद से पेट्रोल-डीजल के दामों में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है, फिर भी कीमतों में मामूली उतार-चढ़ाव अब भी रोजाना देखने को मिलता है।
26 जुलाई 2025 यानी कि आज का पेट्रोल-डीजल का रेट :
नई दिल्ली: पेट्रोल ₹94.72, डीजल ₹87.62
मुंबई: पेट्रोल ₹104.21, डीजल ₹92.15
कोलकाता: पेट्रोल ₹103.94, डीजल ₹90.76
चेन्नई: पेट्रोल ₹100.75, डीजल ₹92.34
हैदराबाद: पेट्रोल ₹107.46, डीजल ₹95.70
बेंगलुरु: पेट्रोल ₹102.92, डीजल ₹89.02
जयपुर: पेट्रोल ₹104.72, डीजल ₹90.21
लखनऊ: पेट्रोल ₹94.69, डीजल ₹87.80
इंदौर: पेट्रोल ₹106.48, डीजल ₹91.88
पटना: पेट्रोल ₹105.58, डीजल ₹93.80
चंडीगढ़: पेट्रोल ₹94.30, डीजल ₹82.45
सूरत: पेट्रोल ₹95.00, डीजल ₹89.00
किन वजहों से रोज़ बदलते हैं ईंधन के दाम?
भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतों को केवल तेल कंपनियां तय नहीं करतीं, बल्कि ये कुछ प्रमुख अंतरराष्ट्रीय और घरेलू फैक्टर्स से प्रभावित होती हैं:
कच्चे तेल की कीमतें : भारत अपनी ज़रूरत का लगभग 85% तेल आयात करता है। अगर अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में क्रूड ऑयल की कीमतें बढ़ती हैं, तो इसका सीधा असर घरेलू ईंधन कीमतों पर पड़ता है।
टैक्स की भूमिका : देश में पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी (केंद्र सरकार) और वैट (राज्य सरकार) लगाया जाता है। हर राज्य का टैक्स अलग होता है, जिसके चलते एक ही दिन अलग-अलग शहरों में रेट्स में बड़ा अंतर देखने को मिलता है।
रुपया-डॉलर विनिमय दर : चूंकि भारत तेल की खरीद डॉलर में करता है, इसलिए डॉलर के मुकाबले रुपये की गिरावट भी ईंधन की लागत को बढ़ा देती है।
रिफाइनिंग व ट्रांसपोर्ट लागत : कच्चे तेल को रिफाइन कर पेट्रोल-डीजल में बदलने और फिर उसे डिपो से पंप तक पहुंचाने में जो खर्च होता है, वो भी कीमतों में जुड़ता है।
मांग और आपूर्ति का संतुलन : अगर किसी मौसम या विशेष मौके पर पेट्रोल-डीजल की मांग बढ़ जाए, तो कंपनियाँ आपूर्ति के मुताबिक कीमतें समायोजित करती हैं।
क्या आगे कीमतें बढ़ने की संभावना है?
अभी के हालात को देखें तो तेल की कीमतें नियंत्रण में बनी हुई हैं, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर राजनीतिक संकट या तेल उत्पादक देशों की नीतियों में बदलाव जैसी घटनाएं कभी भी कीमतों को प्रभावित कर सकती हैं। साथ ही, अगर केंद्र या कोई राज्य टैक्स में बदलाव करता है, तो कीमतों में इजाफा या कमी संभव है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here