Home विदेश G7 Summit को बीच में छोड़कर America लौटे Donald Trump, ये बड़ी...

G7 Summit को बीच में छोड़कर America लौटे Donald Trump, ये बड़ी वजह आई सामने

22
0

दुनिया के सात सबसे बड़े लोकतांत्रिक देशों के नेता कनाडा की ठंडी रॉकी पहाड़ियों में होने वाले G7 सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए पहुंच चुके हैं।

दुनिया के सात सबसे बड़े लोकतांत्रिक देशों के नेता कनाडा की ठंडी रॉकी पहाड़ियों में होने वाले G7 सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए पहुंच चुके हैं। इसी बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी हरकतों से सबको चौंका दिया है। सम्मेलन की औपचारिक शुरुआत से पहले ही ट्रंप ने ऐलान कर दिया कि वह एक दिन पहले ही अमेरिका लौट रहे हैं। वहीं अब अमेरिका पहुंचे पर ट्रंप ने बताया कि वह इजरायल और ईरान के युद्ध विराम के लिए नहीं आए है, बल्कि वह इससे भी कई बड़ी योजनाओं को पूरा करने के लिए आए है।
ट्रंप की अचानक वापसी पर सवाल
हालांकि, जब मीडिया ने उनकी जल्दी वापसी की वजह पूछी, तो व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलाइन लेविट ने बताया कि ट्रंप कुछ “जरूरी मुद्दों” पर ध्यान देना चाहते हैं।  G7 सम्मेलन के पहले ही दिन ट्रंप विवादों में आ गए जब उन्होंने तेहरान के नागरिकों को शहर खाली करने की चेतावनी दे दी। उन्होंने यह चेतावनी किसी स्पष्ट कारण के बिना दी, जिसे विशेषज्ञों ने ईरान पर कूटनीतिक दबाव की रणनीति बताया।
G7 नेताओं का साझा बयान और अमेरिका की दूरी
इस दौरान फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज़, ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर, और कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी मिलकर एक साझा बयान तैयार कर रहे थे, जिसमें दो मुख्य बातें थीं…
-ईरान को परमाणु हथियार बनाने से रोकना।
-इजरायल के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन।
लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस साझा बयान पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया। इससे अमेरिका की स्थिति बाकी देशों से अलग और टकरावपूर्ण नजर आई।
ईरान को दो महीने का अल्टीमेटम और इजरायल का हमला
वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, “ईरान बातचीत करना चाहता है, और हम कुछ बड़ा करने जा रहे हैं।” उन्होंने यह भी खुलासा किया कि उन्होंने ईरान को दो महीने का अल्टीमेटम दिया था, जिसकी अवधि शुक्रवार को समाप्त हुई। उसी दिन इजरायल ने ईरान पर अब तक का सबसे बड़ा हमला किया, जिसमें परमाणु ठिकानों और सैन्य अधिकारियों को निशाना बनाया गया।
रूस को G8 में वापस लाने की वकालत
सम्मेलन में ट्रंप ने एक और विवादास्पद बयान देते हुए कहा कि रूस को 11 साल पहले G8 से बाहर निकालना गलती थी। उन्होंने कहा कि अगर रूस आज भी शामिल होता, तो शायद यूक्रेन युद्ध नहीं होता। इस पर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा, “जो देश संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन करता हो, वह मध्य पूर्व में शांति का दूत नहीं बन सकता।”
अमेरिका अलग राह पर
G7 सम्मेलन में ट्रंप के रुख ने यह साफ कर दिया कि अमेरिका इस बार अपने सहयोगियों से अलग नीति अपना रहा है चाहे वह ईरान को चेतावनी देना हो, या रूस को फिर से जगह देने की बात। अमेरिका की यह आक्रामक रणनीति अगले कुछ हफ्तों में मध्य पूर्व की शांति प्रक्रिया और वैश्विक कूटनीति पर बड़ा असर डाल सकती है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here