शहर में भिक्षावृत्ति पर लगाम कसने के लिए सरकार की ओर से शुरू की गई सख्ती का असर अब जमीन पर दिखने लगा है।
शहर में भिक्षावृत्ति पर लगाम कसने के लिए सरकार की ओर से शुरू की गई सख्ती का असर अब जमीन पर दिखने लगा है। लगातार दूसरे दिन बुधवार को सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल कल्याण विभाग व पुलिस द्वारा चलाए गए संयुक्त सर्च अभियान के दौरान शहर के किसी भी हिस्से में एक भी भिखारी नजर नहीं आया। इस अभियान के तहत मकसूदां फ्लाईओवर के नीचे, श्री देवी तालाब मंदिर, मकसूदां क्षेत्र और सिटी रेलवे स्टेशन जैसे भिखारियों की आमद वाले क्षेत्रों में टीमों ने गुप्त रूप से छानबीन की, लेकिन कहीं भी कोई भिखारी नहीं मिला। अधिकारियों का मानना है कि सरकार की सख्त हिदायतों के चलते अब भिखारी या तो शहर छोड़ चुके हैं या तंग गलियों में छिपने लगे हैं।
जानकारी के अनुसार, सोमवार को भी शहर में चलाए गए पहले सर्च अभियान में कोई भिखारी नहीं मिला था, जबकि मंगलवार को वर्षा के कारण अभियान स्थगित कर दिया गया था। इसके बाद बुधवार को फिर से सर्च ऑपरेशन चलाया गया, मगर नतीजा शून्य ही रहा। सरकार ने भिक्षावृत्ति पर लगाम लगाने के साथ-साथ वयस्कों के साथ भीख मांग रहे बच्चों का डीएनए परीक्षण करवाने के निर्देश दिए हैं, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि वे बच्चे उनके असली अभिभावक हैं या किसी गिरोह द्वारा उनका शोषण किया जा रहा है। इसके लिए सामाजिक सुरक्षा, स्वास्थ्य विभाग, पुलिस और जिला प्रशासन की संयुक्त टीमें बनाई गई हैं। जिला बाल संरक्षण अधिकारी अजय भारती ने बताया कि अभियान को लगातार जारी रखा जाएगा और शहर को भिक्षावृत्ति मुक्त बनाने की दिशा में हरसंभव प्रयास किए जाएंगे।