पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने लॉरेंस बिश्नोई इंटरव्यू मामले में बर्खास्त डीएसपी गुरशेर सिंह संधू की याचिका पर पंजाब सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने लॉरेंस बिश्नोई इंटरव्यू मामले में बर्खास्त डीएसपी गुरशेर सिंह संधू की याचिका पर पंजाब सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। कोर्ट ने पूछा है कि जब लॉरेंस बिश्नोई खरड़ स्थित सीआईए कॉम्प्लेक्स में थे, तब उनकी सुरक्षा के क्या इंतजाम थे और उनकी सुरक्षा के लिए कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार थे। साथ ही हाईकोर्ट ने यह भी जानना चाहा है कि जब गुरशेर संधू पहले ही जांच में गवाह के तौर पर पेश हो चुके हैं, तो उन्हें आरोपी के तौर पर नोटिस कैसे और किस आधार पर भेजे गए।
गुरशेर संधू के वकील ने दलील दी कि लॉरेंस बिश्नोई को तीन स्तरीय सुरक्षा में रखा गया था: पहले स्तर पर एजीटीएफ, दूसरे पर एसओजी और तीसरे स्तर पर सीआईए खरड़। उन्होंने कहा कि लॉरेंस हमेशा एजीटीएफ की हिरासत में रहता था और संधू की उस तक पहुंच नहीं थी, इसलिए उससे पूछताछ का सवाल ही नहीं उठता। उन्होंने यह भी कहा कि संधू को मामले में गलत तरीके से फंसाया गया है।
दूसरी ओर, मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) के सदस्यों और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (प्रोविजनिंग) ने हाईकोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा कि जांच के बाद गुरशेर संधू को नामजद किया गया है और वह जांच में शामिल नहीं हो रहा है।
हाईकोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 3 जुलाई 2025 तक स्थगित कर दी है और पंजाब सरकार से लॉरेंस बिश्नोई की हिरासत के दौरान किए गए सुरक्षा इंतजामों और गुरशेर संधू को आरोपी बनाने के आधार के बारे में विस्तृत जानकारी पेश करने को कहा है।