बॉडीबिल्डर और बॉलीवुड एक्टर वरिंदर सिंह घुम्मण अब राजनीति में नई पारी की शुरुआत करने जा रहे हैं।
दुनिया के एकमात्र शुद्ध शाकाहारी प्रोफेशनल बॉडीबिल्डर और बॉलीवुड एक्टर वरिंदर सिंह घुम्मण अब राजनीति में नई पारी की शुरुआत करने जा रहे हैं। पंजाब के जालंधर निवासी वरिंदर ने 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमाने का ऐलान कर दिया है। सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए घुम्मण ने इस बात की पुष्टि की कि वे आने वाले चुनाव में हिस्सा लेंगे और अपने फॉलोअर्स से सलाह भी मांगी है कि उन्हें किसी राजनीतिक पार्टी से जुड़कर चुनाव लड़ना चाहिए या फिर एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में।
घुम्मण का कहना है कि राजनीति में आने का उनका मकसद सिर्फ सत्ता हासिल करना नहीं, बल्कि पंजाब के युवाओं को नशे की दलदल से निकालकर खेलों की दिशा में अग्रसर करना है। उन्होंने कहा, “अगर मुझे जन समर्थन मिला और मैं चुनाव जीतता हूं, तो मेरा पहला उद्देश्य पंजाब के हर गांव और शहर में खेल संस्कृति को बढ़ावा देना होगा। इससे युवाओं को ना सिर्फ रोजगार मिलेगा, बल्कि नशे की लत से भी मुक्ति मिलेगी।”
-खेलों की विरासत, फिटनेस की पहचान
6 फीट 2 इंच लंबे वरिंदर सिंह घुम्मण सिर्फ शरीर से ही मजबूत नहीं, बल्कि विचारों से भी बेहद स्पष्ट हैं। खेल उनके खून में है। उनके दादा राष्ट्रीय स्तर के हॉकी खिलाड़ी थे और पिता भूपिंदर सिंह कबड्डी में माहिर थे। घुम्मण ने बचपन से ही खेलों और फिटनेस की ओर रुझान दिखाया। वर्ष 2005 में उन्होंने ‘मिस्टर जालंधर’ और ‘मिस्टर पंजाब’ का खिताब अपने नाम किया। इसके बाद 2008 में वे ‘मिस्टर इंडिया’ बने और 2009 में ‘मिस्टर एशिया’ प्रतियोगिता में दूसरे स्थान पर रहे।
-बॉलीवुड से लेकर डेयरी फार्म तक
वरिंदर सिंह ने फिल्मों में भी अपने दमदार शरीर और अभिनय से पहचान बनाई है। उन्होंने सलमान खान के साथ भी स्क्रीन शेयर की है। इसके अलावा वह जालंधर में अपना डेयरी फार्म भी चलाते हैं जिसमें 100 से अधिक मवेशी हैं। यही नहीं, वे युवाओं के लिए फिटनेस वर्कशॉप्स और ट्रेनिंग कैम्प भी आयोजित करते हैं।
-युवाओं के लिए बने प्रेरणा
वरिंदर सिंह घुम्मण का राजनीति में उतरना उन हजारों युवाओं के लिए प्रेरणा बन सकता है जो खेलों को करियर के रूप में अपनाना चाहते हैं। उनका कहना है, “राजनीति को यदि सही दिशा में प्रयोग किया जाए, तो यह सामाजिक बदलाव का सबसे सशक्त माध्यम बन सकती है। मैं चाहता हूं कि पंजाब का हर युवा मैदान में हो, जिम में हो, अखाड़े में हो और नशे से दूर हो।”
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या वरिंदर किसी राजनीतिक दल का दामन थामते हैं या स्वतंत्र रूप से अपनी पहचान गढ़ने की कोशिश करते हैं। लेकिन इतना तय है कि पंजाब की राजनीति में एक फिटनेस आइकन के रूप में उनका आगमन एक नई ऊर्जा लेकर आ रहा है।