ऐसे में बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) एशिया के सबसे बड़े बूचड़खाने ‘देवनार’ में व्यापक तैयारियां कर ली गई हैं
ईद-उल-अजहा में अब केवल कुछ ही दिन शेष रह गए हैं, ऐसे में बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) एशिया के सबसे बड़े बूचड़खाने ‘देवनार’ में व्यापक तैयारियां कर ली गई हैं और कुर्बानी के लिए यहां बकरियों और 8,000 भैंसों सहित करीब 1.5 लाख से अधिक जानवर पहले ही पहुंच चुके हैं। राजस्थान, गुजरात, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों के हजारों व्यापारियों ने त्यौहार से लगभग 15 दिन पहले अपने पशुओं को यहां लाना शुरू कर दिया है। ईद-उल-अजहा 7 जून को मनाई जाएगी। चांद की स्थिति के मुताबिक हालांकि यह तारीख बदल भी सकती है। बीएमसी ने इस दौरान जानवरों को रखने और उनकी कुर्बानी के कार्यक्रम को सुचारू तौर पर सुनिश्चित करने के लिए विस्तृत व्यवस्था की है।
लगभग 77,580 वर्ग मीटर में फैले बूचड़खाने में 500 से अधिक सुरक्षा और सफाई कर्मियों को तैनात किया जाएगा। जानवरों को रखने के लिए अस्थायी शैड और आश्रय स्थलों के साथ 2 प्राथमिक चिकित्सा केंद्र भी मौके पर व्यवस्थित किए गए हैं। बड़ी संख्या में आ रहे पशुओं के प्रबंधन के लिए मुंबई भर में 109 जगहें बकरियों के वध के लिए निर्धारित की गई हैं, जबकि भैंस वध की अनुमति केवल देवनार परिसर के भीतर ही दी गई है। पारंपरिक रीति-रिवाजों के अनुसार इन पशुओं का 7 से 9 जून तक वध किए जाने की उम्मीद है। देवनार बूचड़खाने के महाप्रबंधक कलीम पाशा पठान ने बताया कि आने वाले दिनों में बाजार की मांग के आधार पर अतिरिक्त 20,000 से 30,000 और पशुओं के यहां आने की उम्मीद है।