पंजाब सरकार इस मुद्दे पर कानून विशेषज्ञों से राय ले रही है।
श्री गुरु ग्रंथ साहिब सहित अन्य धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी के मामले में सजा के कड़े प्रावधान की तैयारी कर रही पंजाब सरकार इस मुद्दे पर कानून विशेषज्ञों से राय ले रही है। राज्य सरकार की कोशिश है कि इसमें उम्र कैद से लेकर मौत की सजा का प्रावधान होना आवश्यक है। राज्य सरकार इससे संबंधित बिल 10 जुलाई को शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में पेश करने की तैयारी में जुटी है।
सजा के प्रावधानों को लेकर गृह विभाग व कानून विशेषज्ञों के बीच राय मशिवरा चल रहा है। कांग्रेस की कैप्टन सरकार के समय विधानसभा में 2 बिल पारित किए गए थे। इसमें द इंडियन पीनल कोड (पंजाब संशोधन) बिल-2018 और द कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसिजर पंजाब (संशोधन) बिल-2018 पारित किए गए थे। सदन में पारित किए गए बिल में आईपीसी की धारा 295 (किसी वर्ग के धर्म का अपमान करने के आशय से उपासना स्थल या पवित्र वस्तु को क्षति पहुंचाना या अपवित्र करना) में संशोधन करके 295ए संबंधी बिल पारित किया था। लंबे समय इस बिल को मंजूरी नही मिल सकी इसलिए कड़ी सजा के प्रावधान पर कोई फैसला नहीं हो सका।
आम आदमी पार्टी ने चुनाव के समय बेअदबी जैसे मामलों में कड़े कानून बनाने का वादा किया। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर बेअदबी में कड़ी सजा के प्रावधनों संबंधी बिल को मंजूरी दिलाने की मांग की थी। मौजूदा भारतीय न्याय संहिता में धारा 298 (धार्मिक स्थल को नुक्सान पहुंचाना या अपवित्र करना): यदि कोई व्यक्ति धार्मिक स्थल या पवित्र वस्तु को जानबूझकर नुक्सान पहुंचाता है या अपवित्र करता है तो उसे 2 साल तक सजा, जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।
इसके अलावा धारा 299 (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के उद्देश्य से किया गया जानबूझकर अपमान): यदि कोई व्यक्ति किसी समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के उद्देश्य से कोई शब्द कहता है, लिखता है, प्रतीक दिखाता है या इलैक्ट्रानिक माध्यम से कोई अपमानजनक सामग्री साझा करता है, तो उसे 3 साल तक की सजा, जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। तीसरी धारा में धारा 300 (धार्मिक पूजा या धार्मिक समारोह में बाधा) : यदि कोई व्यक्ति जानबूझकर किसी कानूनी रूप से आयोजित धार्मिक कार्यक्रम में बाधा उत्पन्न करता है, तो उसे एक वर्ष तक की सजा, जुर्माना या दोनों का दंड मिल सकता है।