पंजाब के सीमावर्ती जिले फाजिल्का में प्रशासन ने सुरक्षा और जनहित को ध्यान में रखते हुए एक के बाद एक कई सख्त पाबंदियों का ऐलान किया है।
पंजाब के सीमावर्ती जिले फाजिल्का में प्रशासन ने सुरक्षा और जनहित को ध्यान में रखते हुए एक के बाद एक कई सख्त पाबंदियों का ऐलान किया है। जिला मजिस्ट्रेट अमरप्रीत कौर संधू द्वारा जारी किए गए आदेशों के तहत यह पाबंदियां 31 अगस्त 2025 तक प्रभावी रहेंगी। आदेशों की अवहेलना करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
क्या हैं प्रमुख पाबंदियां?
जारी आदेशों में सबसे पहले पर्यावरण सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्लास्टिक पर सख्ती बरती गई है। अब जिले में 50 माइक्रोन से कम मोटाई वाले, 8×13 साइज से छोटे और बिना निर्धारित रंग के प्लास्टिक थैले बनाना या उपयोग करना पूर्णत: प्रतिबंधित कर दिया गया है।
सीमा क्षेत्र में आवाजाही पर समयबद्ध रोक:
फाजिल्का की अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे गांवों और बीपीओ (बॉर्डर पोस्ट्स) के आसपास की आमजन की आवाजाही को भी नियंत्रित किया गया है। अब शाम 6 बजे से सुबह 8 बजे तक इन क्षेत्रों में किसी भी प्रकार की आवाजाही प्रतिबंधित रहेगी।
सुरक्षा के लिहाज से वस्तुओं पर प्रतिबंध:
जिले में कोबरा या कंटीली तारों की खरीद, बिक्री और उपयोग पर पूर्ण रोक लगाई गई है। इसके अलावा आम नागरिक अब सैन्य वर्दी की तरह दिखने वाली ड्रेस या मिलिट्री पेंट वाली गाड़ियों का उपयोग नहीं कर सकेंगे। यह प्रतिबंध सुरक्षा के मद्देनजर लगाया गया है ताकि असामाजिक तत्वों द्वारा इनका दुरुपयोग न हो सके।
ड्रोन उड़ाने पर रोक:
फाजिल्का उप-जेल के 500 वर्ग मीटर के दायरे को ‘नो ड्रोन ज़ोन’ घोषित किया गया है। प्रशासन का कहना है कि इससे जेल सुरक्षा और आस-पास के क्षेत्र में निगरानी को पुख्ता बनाया जा सकेगा।
प्रशासन का उद्देश्य स्पष्ट:
जिला प्रशासन ने साफ किया है कि इन पाबंदियों का उद्देश्य जिले की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत बनाना, सीमा पार से होने वाली संदिग्ध गतिविधियों पर अंकुश लगाना और पर्यावरण की रक्षा करना है।
नियम तोड़ने पर होगी सख्त कार्रवाई:
प्रशासन ने चेतावनी दी है कि इन आदेशों का उल्लंघन करने पर भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी। ऐसे में जिलेवासियों से अपील की गई है कि वे इन निर्देशों का पालन करें और कानून व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग करें।